बहराइच में भेड़ियों का आतंक

 


भेड़िया बहुत ही चालाक और कमाल का predator(शिकारी)होते है,ये ज्यादातर अपने समुह में रहना पसंद करते है।

इनमे सूंघने की क्षमता बहुत ज्यादे होती क्यूंकि इनमे olfactory neurons इंसानों के olfactory neurons से 40 गुना अधिक होता है।

सूंघने की क्षमता अधिक होने के कारण एसा माना जाता है कि ये जिस जंगल में रहते है उस जंगल को map की तरह नाप देते। साथ ही olfaction से prey(शिकार) को असानी से पता लगा लेते है।

इनके यूरिन और पंजे के पैड में मौजूद gland से एक रासायनिक पदार्थ निकालते है जिसे pheromones कहते है।Pheromones के कारण ये एक दूसरे से communicate करते हैं और साथ में रहते है। 

उत्तर प्रदेश के बहराइच के जंगल से निकल के भेड़िया इंसानी बस्तियों में आ गए है इसके पीछे बहुत सारे कारण हो सकते है लेकिन मुख्य कारण जंगलों की ओर ह्यूमन एक्टिविटी का बढ़ना है।जंगल में ह्यूमन एक्टिविटी बढ़ने से जंगल का पूरा ecosystem disturb हो जाता है जिससे जानवर dispers या migrate होने शुरू हो जाते है। जंगलों में predator के लिए भोजन की उपलब्धता कम हो जाती है और ये predator इंसानी क्षेत्रों मे आ जाते है।

हालाकि भेड़िया इंसानों के शिकार कम ही करते लेकिन इंसानी क्षेत्रो में भोजन की उपलब्धता कम होने के कारण ये और हिंसक और आदमखोर हो जाते है, ज्यादातर इंसानी बच्चों को अपना शिकार बनाना शुरू कर देते है।  ~Ayush Ranjan ✍

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